CM योगी का सोलर सुपर प्लान! ये शहर बना सोलर सिटी? जानिए CM योगी के उस बड़े प्लान की पूरी कहानी!

अयोध्या अब सिर्फ राम मंदिर के लिए ही नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा की दुनिया में भी एक नई मिसाल बनता जा रहा है। योगी सरकार की अगुवाई में अयोध्या को उत्तर प्रदेश की पहली सोलर सिटी का दर्जा दिलाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। अब बस इंतजार है केंद्र सरकार की मुहर का।


कैसे बदली रामनगरी की तस्वीर?

अयोध्या जिले की कुल बिजली खपत करीब 1250 मिलियन यूनिट है, जिसमें से लगभग 250 मिलियन यूनिट बिजली अब सोलर प्लांट से तैयार हो रही है। यानी कुल खपत का 20% हिस्सा अब सूरज की रौशनी से आ रहा है। ये संभव हुआ है रामपुर हलवारा में बने 40 मेगावाट के सोलर प्लांट से, जो 165 हेक्टेयर भूमि पर फैला हुआ है।

क्या है इस प्लांट की खास बात?

यह सोलर प्लांट जिला प्रशासन द्वारा 30 वर्षों की निशुल्क लीज पर दी गई सरकारी ज़मीन पर बना है और यह दर्शननगर उपकेंद्र से जुड़ा हुआ है, जहाँ से यह बिजली पूरे जिले में वितरित होती है। इस परियोजना ने न केवल बिजली उत्पादन को साफ-सुथरा बनाया है, बल्कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी काफी हद तक कम किया है।


क्या है पीएम सूर्य घर योजना का रोल?

राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना भी इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है। इस योजना का लक्ष्य इस साल 50,000 घरों में सोलर सिस्टम लगवाना है, जिससे अयोध्या की बिजली ज़रूरत का लगभग एक-चौथाई हिस्सा पूरी तरह सोलर से आएगा।

लोगों में बढ़ रहा है सोलर का क्रेज

बढ़ते बिजली बिल से परेशान आम जनता अब तेज़ी से सोलर की ओर रुख कर रही है। 1 किलोवाट से लेकर 3 किलोवाट तक के ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम की मांग सबसे ज़्यादा है। ये सिस्टम आमतौर पर रोज़ाना 4 से 15 यूनिट तक बिजली बना सकते हैं, जो एक परिवार की ज़रूरत के लिए काफी है।

बड़ी कंपनियों के बढ़ते कदम

अभी तक 20 से अधिक कंपनियों के वेंडर अयोध्या में सक्रिय हैं। सरकारी दफ्तरों, स्कूल-कॉलेजों और इंडस्ट्रियल प्रतिष्ठानों में पहले ही सोलर पैनल लग चुके हैं। ये सभी सिस्टम ग्रिड से जुड़े हुए हैं, जिससे बिजली का हिसाब-किताब आसान हो जाता है और जरूरत से ज़्यादा बनी बिजली सीधे ग्रिड में चली जाती है।

किसानों के लिए भी लाभकारी

पीएम किसान योजना के तहत अब किसानों के लिए भी सोलर आधारित सिंचाई सुविधा शुरू हो गई है। हालांकि किसानों को शिकायत है कि 3 हार्सपावर वाले सोलर पंप से पर्याप्त पानी नहीं खींचा जा सकता, इसलिए 5HP और 10HP पंप की मांग ज़्यादा है। लेकिन इनकी संख्या कम होने से कई किसान योजना से बाहर हो जा रहे हैं।

शहर की सूरत बदल रही है

नगर निगम द्वारा जगह-जगह पर सैकड़ों की संख्या में सोलर स्ट्रीट लाइट्स और सजावटी लाइटें लगाई गई हैं। खासकर गुप्तार घाट से लेकर नयाघाट और अयोध्या बंधा तक की रौनक अब सूरज की रोशनी से जगमगा रही है।


तो क्या आपका शहर अगला है?

जिस रफ्तार से अयोध्या में सोलर का विस्तार हो रहा है, अब यह मॉडल दूसरे शहरों के लिए प्रेरणा बन चुका है। अगर यही रफ्तार रही, तो आने वाले समय में यूपी के कई शहरों में बिजली का मुख्य स्रोत सोलर बन सकता है।

अब बस इंतजार है केंद्र सरकार की स्वीकृति का, और फिर अयोध्या को ‘उत्तर प्रदेश की पहली आधिकारिक सोलर सिटी’ बनने से कोई नहीं रोक सकता!


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