सोलर सब्सिडी के नाम पर ठगी! ये 5 गलतियां आपको लाखों का नुकसान करवा सकती हैं

आजकल पूरे देश में सोलर पैनल लगाने को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ी है। सरकारी सब्सिडी के चलते लाखों लोग अपने घरों की छत पर सोलर लगवा रहे हैं और बिजली के बिल से छुटकारा पा रहे हैं। लेकिन इस बढ़ती डिमांड के साथ ही बाज़ार में धोखेबाजों की संख्या भी बढ़ रही है।

कई बार लोग सरकारी सब्सिडी के लालच में आकर ऐसे फैसले कर बैठते हैं, जिनका नतीजा होता है – न सब्सिडी मिलती है, न सही सिस्टम, और लाखों रुपये का नुकसान।

तो चलिए जानते हैं उन 5 सबसे बड़ी गलतियों के बारे में जो लोग सोलर लगवाते वक्त करते हैं और जिनसे बचना बेहद जरूरी है।


1. बिना MNRE Approved वेंडर से सोलर लगवाना

  • सबसे आम और खतरनाक गलती है किसी लोकल एजेंट या अनधिकृत वेंडर से सोलर सिस्टम लगवाना।
  • सरकार केवल उन्हीं वेंडरों से लगाए गए सिस्टम पर सब्सिडी देती है जो MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) से empanelled हों।
  • अगर आपने गलत वेंडर से लगवा लिया, तो आपको एक रुपया भी सब्सिडी नहीं मिलेगी – चाहे आपने सारा सिस्टम ही क्यों न खरीद लिया हो।

2. गलत पोर्टल पर आवेदन या जानकारी ना भरना

  • PM Surya Ghar Yojana जैसी स्कीमों में आवेदन केवल ऑफिशियल वेबसाइट (https://pmsuryaghar.gov.in) पर ही मान्य होता है।
  • बहुत से लोग नकली वेबसाइटों या एजेंट के कहने पर किसी और पोर्टल पर जानकारी भर देते हैं, जिससे उनका केस रिजेक्ट हो जाता है।
  • सही पोर्टल, सही जानकारी और सही वेंडर – यही तीनों मिलकर सब्सिडी की मंजूरी तय करते हैं।

3. बिना फोटो और रसीद के इंस्टॉलेशन करवा लेना

सोलर इंस्टॉलेशन के वक्त कई तकनीकी चीज़ें रिकॉर्ड करनी होती हैं:

  • Before/After फोटो
  • वेंडर और ग्राहक की लोकेशन GPS के साथ
  • इंस्टॉलेशन की टाइमलाइन
  • रसीद और बिल

अगर ये डॉक्युमेंट्स समय पर अपलोड नहीं हुए, तो आपकी सब्सिडी अटक जाएगी या रिजेक्ट हो जाएगी। और तब कोई वेंडर या अधिकारी आपकी मदद नहीं कर पाएगा।


4. सिर्फ जुबानी डील करना, कागज़ी अनुबंध नहीं करना

बहुत से लोग मुंहज़ुबानी डील पर भरोसा कर लेते हैं:
“भाई मैं सारा काम करवा दूंगा, आपको कुछ नहीं करना पड़ेगा!”
और फिर जब सब्सिडी अटकती है या सिस्टम खराब होता है, तो वही एजेंट फोन उठाना बंद कर देता है।

हमेशा लेखित एग्रीमेंट करें, जिसमें इंस्टॉलेशन, सब्सिडी प्रोसेसिंग, पेमेंट और वारंटी की शर्तें लिखी हों।


5. EMI या लोन लेने से पहले सब्सिडी की प्रक्रिया न समझना

  • लोग जल्दबाज़ी में बैंक से लोन ले लेते हैं या डाउन पेमेंट कर देते हैं, जबकि बाद में पता चलता है कि उनका सिस्टम सब्सिडी के लिए योग्य ही नहीं था।
  • कई बार EMI बढ़ जाती है क्योंकि सब्सिडी मिलने में देरी हो जाती है या आती ही नहीं है।

हमेशा पहले योजना, वेंडर और इंस्टॉलेशन को पूरी तरह समझें, फिर लोन लें।


सोलर सब्सिडी एक शानदार मौका है अपने घर को बिजली के खर्च से आज़ाद करने का – लेकिन गलत फैसले या जानकारी के अभाव में ये सपना भारी नुकसान में बदल सकता है।

इसलिए सतर्क रहें, केवल सरकार से मान्यता प्राप्त वेंडर से ही संपर्क करें, और हर कदम सोच-समझकर उठाएं।

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