पक्षियों की पॉटी से जल रही आपकी सोलर बिजली? जानिए इसका सीधा इलाज! Bird Poop on Solar Panel

Updated on: July 13, 2025 | By S.K. Gupta
Bird Poop

सोचिए, आपने लाखों रुपये खर्च करके अपने घर की छत पर सोलर सिस्टम लगवाया। मन में संतोष था कि अब बिजली के बिल से राहत मिलेगी, और हर महीने बचत होगी। एक ऐसी इन्वेस्टमेंट जो 20–25 साल तक आपका साथ देगी। लेकिन कुछ महीनों बाद जब बिजली का बिल फिर से बढ़ता नजर आया तो झटका लगा। आप छत पर गए ये सोचकर कि शायद कहीं तार ढीले हो गए हैं या पैनल धूल से भर गए हैं… और वहां जाकर देखा तो असली वजह सामने आई – पूरी छत और पैनल पर जगह-जगह बर्ड पॉटी यानी पक्षियों की बीट फैली हुई है।

ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि थोड़ा बहुत दाग-धब्बा पैनल पर रहेगा तो क्या फर्क पड़ेगा? लेकिन सोलर पैनल की दुनिया में यह ‘थोड़ा सा’ भी बहुत बड़ा फर्क डालता है। और खासकर Bird Poop तो सबसे ज़्यादा नुकसानदेह होती है।

क्यों पक्षियों की बीट है सोलर पैनल की सबसे बड़ी दुश्मन?

सोलर पैनल की टेक्नोलॉजी दिखने में जितनी सीधी लगती है, असल में उतनी सीधी नहीं है। पैनल के सेल आपस में इस तरह जुड़े होते हैं कि अगर कोई एक हिस्सा ढक जाए — चाहे धूल से, पत्तों से या फिर पक्षियों की पॉटी से — तो पूरा पैनल स्ट्रिंग प्रभावित हो जाता है। और पक्षी जो बीट करते हैं, वो न सिर्फ गाढ़ी और चिपचिपी होती है, बल्कि वो पूरी तरह से रोशनी को ब्लॉक करती है। यह धूल की परत की तरह हल्की पारदर्शी नहीं होती। इस वजह से पैनल का वह हिस्सा जो बीट के नीचे है, बिल्कुल भी बिजली नहीं बना पाता।

समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब यही दाग लंबे समय तक साफ नहीं किए जाते। धूप और बारिश के कारण यह बीट पैनल की सतह से चिपक जाती है, और फिर उसे हटाना मुश्किल होता है। इससे पैनल की सतह पर स्थायी दाग या डैमेज हो सकता है। कई बार तो ये स्पॉट “Hotspot” में बदल जाते हैं – यानी वहां जरूरत से ज्यादा गर्मी बनने लगती है – जिससे पैनल में क्रैक तक आ सकते हैं। और सोचिए, अगर हर महीने 5–20% बिजली उत्पादन कम हो रहा है, तो आपके पूरे सोलर सिस्टम का रिटर्न भी उतना ही कम होता जा रहा है।

क्या इससे इनवर्टर पर भी असर पड़ता है?

बिलकुल पड़ता है। जब पैनल पर्याप्त बिजली नहीं बनाते, तो इनवर्टर को बार-बार वोल्टेज में उतार-चढ़ाव झेलना पड़ता है। इससे उसकी उम्र भी कम हो सकती है और उसकी कार्यक्षमता पर असर पड़ता है। कई मामलों में लोग शिकायत करते हैं कि उनका इनवर्टर बार-बार ट्रिप कर रहा है – जबकि असली वजह होती है छत पर जमी Bird Poop।

पक्षियों को दूर रखना ही सबसे पहला इलाज है

अगर आपकी छत पर कबूतरों, कौवों या दूसरे पक्षियों का आना-जाना ज्यादा है, तो आपको सबसे पहले Bird Control करना होगा। इसके लिए आजकल बाजार में कई आसान और असरदार उपाय मौजूद हैं। Bird Spikes, यानी पतले-पतले स्टील या प्लास्टिक के कांटे जो छत के किनारों या GI Structure पर लगाए जाते हैं — इन्हें देखकर पक्षी वहां बैठते ही नहीं। दूसरी ओर, Anti-Bird Netting एक स्थायी समाधान हो सकता है, खासकर अगर आपकी छत के पास कोई पेड़ या बिल्डिंग है जहां से पक्षी बार-बार आते हैं।

सफाई – एक आदत बनाइए, मजबूरी नहीं

कई लोग सोलर लगवाने के बाद भूल जाते हैं कि उसकी भी ‘देखभाल’ चाहिए। कम से कम हर 30 दिन में एक बार छत पर जाकर पैनल को देखें। अगर Bird Poop दिखे तो बस साफ पानी से धो दें। जहां बीट चिपकी हो, वहां हल्का साबुन और एक साफ माइक्रोफाइबर कपड़ा इस्तेमाल करें। लेकिन ध्यान रहे — तेज़ दबाव वाला पानी या कोई खुरदरा कपड़ा न लें, इससे पैनल को नुकसान हो सकता है।

अब मार्केट में मिलते हैं खास सोलर क्लीनिंग प्रोडक्ट्स

अगर आप खुद पैनल की सफाई करना चाहते हैं लेकिन फुल-प्रूफ तरीके से, तो आजकल बाजार में सोलर क्लीनिंग स्प्रे भी आते हैं। ये खासतौर पर बनाए जाते हैं ताकि पैनल की कोटिंग को नुकसान न पहुंचे और Bird Poop भी आसानी से निकल जाए। ये प्रोडक्ट्स ज्यादातर non-abrasive होते हैं और पानी के साथ मिलकर बेहतरीन सफाई करते हैं।

साल में एक बार प्रोफेशनल क्लीनिंग ज़रूर कराएं

मान लीजिए आपने सफाई कर भी ली, लेकिन कुछ कोने, कुछ किनारे ऐसे होते हैं जहां Bird Poop जमा रहती है और आमतौर पर हमारी नजर वहां तक नहीं जाती। इसलिए साल में कम से कम एक बार किसी प्रोफेशनल कंपनी से Deep Cleaning जरूर करवाएं। वे न सिर्फ पैनल को पूरी तरह साफ करते हैं बल्कि चेक भी करते हैं कि कहीं कोई डैमेज तो नहीं हुआ। अगर आप AMC (Annual Maintenance Contract) लेते हैं तो यह काम और भी आसान हो जाता है।


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लेखक के बारे में

S.K. Gupta पिछले 4 सालों से उत्तर प्रदेश में सोलर इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। वह न सिर्फ ग्राउंड लेवल पर सोलर इंस्टॉलेशन का अनुभव रखते हैं, बल्कि लोगों को सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं ताकि वे सोलर लगवाने या सोलर बिजनेस शुरू करने से पहले पूरी जानकारी ले सकें। उनकी कोशिश रहती है कि हर आम आदमी तक सोलर की सही जानकारी आसान भाषा में पहुँचे।

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