सोलर लगवाने से पहले नहीं पूछे ये 5 सवाल, तो हो सकता है बड़ा नुकसान!

भारत में जैसे-जैसे सोलर की डिमांड बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग जल्दबाज़ी में बिना पूरी जानकारी लिए सोलर लगवा रहे हैं। बाद में कई तरह की दिक्कतें सामने आती हैं – सब्सिडी अटक जाती है, सिस्टम सही से काम नहीं करता, या मेंटेनेंस का झंझट बढ़ जाता है।

तो अगर आप सोलर लगवाने की सोच रहे हैं, तो ये 5 सवाल जरूर पूछें – वरना नुकसान तय है!


  1. कौन-सा सोलर सिस्टम लगवा रहे हैं – On Grid, Off Grid या Hybrid?

ज़्यादातर लोग बस “सोलर लगवा लो” की सोच से आगे नहीं बढ़ते। लेकिन सोलर सिस्टम तीन प्रकार के होते हैं:

  • On Grid Solar System:
    बिजली के ग्रिड से जुड़ा होता है। बैटरी नहीं होती। बिजली बिल से राहत मिलती है और नेट मीटरिंग से अतिरिक्त बिजली का पैसा भी मिल सकता है। बिजली कटने पर नहीं चलता है।
  • Off Grid Solar System:
    इसमें बैटरी होती है। बिजली कटने पर भी चलता है। उन इलाकों में कारगर है जहाँ बिजली की आपूर्ति कमजोर है।
  • Hybrid Solar System:
    दोनों का मिला-जुला रूप। इसमें ग्रिड और बैटरी दोनों होती है। सबसे महंगा लेकिन सबसे स्मार्ट सिस्टम।
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2. क्या डीलर सरकार से मान्यता प्राप्त (Vendor Registered) है?

सोलर सब्सिडी लेने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपका सोलर डीलर MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) या राज्य सरकार के साथ रजिस्टर्ड हो।

डीलर से स्पष्ट पूछें:
“क्या आपके पास वेन्डरशिप रजिस्ट्रेशन है?”

यदि नहीं, तो आपको सब्सिडी मिलने में परेशानी होगी या हो सकता है आपको मिले ही न।

👉 हमेशा रजिस्टर्ड डीलर से ही इंस्टॉलेशन कराएं।


3. पैनल और इनवर्टर – कौन-सी कंपनी का है और क्या वारंटी है?

  • सोलर सिस्टम के दो सबसे अहम हिस्से हैं:
    • Solar Panel और Inverter।
  • पैनल पर आमतौर पर 25 साल की वारंटी मिलती है।
  • ऑन-ग्रिड इनवर्टर पर 5 से 10 साल तक की वारंटी होती है।

🧠 जरूर पूछें:

कौन-सी कंपनी का पैनल और इनवर्टर लगेगा?

क्या दोनों एक ही कंपनी के हैं? (Same brand होने से भविष्य में सर्विस आसान होती है)

टेक्नोलॉजी की भी जांच करें:
आजकल के लेटेस्ट पैनल हैं –
Mono PERC, Half Cut, Bifacial Panels।
इनमें सेल दोनों तरफ होते हैं जिससे दोनों सतह से बिजली बनती है।

👉 क्वालिटी से समझौता न करें, क्योंकि सोलर एक लंबी अवधि का निवेश है।


4. स्ट्रक्चर (Structure) कैसा होगा – GI होना चाहिए या नहीं?

  • सोलर सिस्टम में पैनल लगभग 28-30 किलो तक का होता है, और इसका सारा वजन स्ट्रक्चर पर होता है।
  • GI (Galvanized Iron) Structure ही लगवाएं।
  • यह रस्ट-प्रूफ और मजबूत होता है, जो तेज़ आंधी-तूफान में भी टिक सकता है।
  • अगर स्ट्रक्चर कमजोर हुआ, तो पैनल गिर सकते हैं और बड़ा नुकसान हो सकता है।

👉 स्ट्रक्चर की क्वालिटी और फिटिंग की जानकारी जरूर लें।


5. क्या Earthing ठीक से कराई जा रही है?

  • Earthing एक ऐसा हिस्सा है जिसे कई डीलर नजरअंदाज़ कर देते हैं क्योंकि यह थोड़ा मेहनत वाला काम है। लेकिन ये आपकी सुरक्षा के लिए सबसे जरूरी है।
  • खराब Earthing से शॉर्ट सर्किट, इनवर्टर खराबी और यहां तक कि आग लगने का खतरा भी हो सकता है।

👉 इंस्टॉलेशन के समय डीलर से Earthing की स्थिति स्पष्ट पूछें और Proper Setup कराएं।


निष्कर्ष (Conclusion):

सोलर लगवाना स्मार्ट फैसला है, लेकिन इसे समझदारी से करना जरूरी है। अगर आपने ऊपर के 5 सवाल सही समय पर पूछ लिए, तो न सिर्फ आप बेहतर सिस्टम पाएंगे, बल्कि सब्सिडी और सर्विसिंग में भी आपको कोई परेशानी नहीं होगी।


🔗 Bonus Guide:

अगर आप On Grid Solar System लगवाने की सोच रहे हैं, तो पहले जान लीजिए कि यह होता क्या है और कैसे काम करता है:

👉 On Grid Solar System क्या होता है – आसान भाषा में पढ़ें


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