₹1,00,000 की सब्सिडी और फ्री बिजली – 20 जुलाई से शुरू हुई सरकारी योजना। आवेदन हेतु अभी क्लिक करे।

आज के दौर में जब हर महीने का बिजली बिल हजारों में पहुंच जाता है, तो आम आदमी की जेब पर इसका सीधा असर पड़ता है। खासकर गर्मियों में जब पंखा, एसी, मोटर और कूलर दिन-रात चलते हैं, तब बिजली का खर्च दोगुना हो जाता है। लेकिन अब इसी समस्या का एक स्थायी और कारगर समाधान केंद्र सरकार लेकर आई है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana) के तहत आम लोगों को ना सिर्फ बिजली बचाने का मौका मिल रहा है, बल्कि आने वाले 25 साल तक बिजली का खर्च लगभग शून्य करने का मौका भी।
सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति अपने घर की छत पर 3kW तक का सोलर पैनल लगवाता है, तो उसे कुल लागत पर ₹78,000 तक की सब्सिडी केंद्र सरकार देती है। इसके अलावा अगर आप उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में रहते हैं, तो वहां राज्य सरकार भी अलग से ₹30,000 तक की अतिरिक्त सब्सिडी देती है। यानी कुल ₹1,08,000 की सब्सिडी मिल सकती है — और आप अपने घर में मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं।
कैसे काम करता है सोलर पैनल?
बहुत से लोग अब भी सोलर पैनल को लेकर भ्रम में रहते हैं। असल में, सोलर पैनल एक सरल तकनीक पर काम करता है। यह पैनल सूरज की रोशनी को सीधे बिजली में बदल देता है। जैसे ही सुबह सूरज निकलता है, पैनल काम करना शुरू कर देता है और आपके घर की ज़रूरत के हिसाब से बिजली बनाता है। आप चाहें तो इसे अपनी लाइट्स, पंखे, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन या यहां तक कि एसी के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपने On-grid सिस्टम लगवाया है, तो जो बिजली बच जाती है, वह ग्रिड में वापस भेज दी जाती है और आपको बिल में यूनिट की कटौती के रूप में इसका लाभ मिलता है। यानी न सिर्फ दिनभर बिजली की बचत होती है, बल्कि रात के वक्त के लिए भी क्रेडिट यूनिट सेव होती हैं, जिससे बिल लगभग न के बराबर आता है।
कितनी बचत और कितना मुनाफा?
अब अगर आंकड़ों की बात करें तो 3kW का सोलर सिस्टम रोजाना करीब 12–15 यूनिट बिजली बनाता है। इसका मतलब हुआ कि महीने भर में यह सिस्टम लगभग 360–450 यूनिट तक बिजली उत्पादन करता है। अगर आपके घर का औसत मासिक बिल 400 से 500 यूनिट तक होता है, तो आपकी जरूरत तो सोलर से पूरी हो ही जाएगी।
सोलर पैनल एक बार लग जाए तो 25 साल तक आराम से चलता है, और मेन्टेनेन्स भी बहुत कम होता है। यानी एक बार ₹70–75 हजार खर्च करके आप आने वाले दो दशकों तक हर महीने हजारों की बचत कर सकते हैं। अब इसे निवेश कहें या बचत का सबसे स्मार्ट तरीका — ये पूरी तरह से आपकी समझदारी है।
पर्यावरण को भी फायदा
यह योजना सिर्फ आपके बिजली बिल को खत्म करने के लिए नहीं है, बल्कि इसका असर हमारे पर्यावरण पर भी गहरा पड़ता है। सोलर एनर्जी पूरी तरह से साफ और ग्रीन होती है। इससे कोई प्रदूषण नहीं होता, न कोई धुआं निकलता है और न ही कार्बन उत्सर्जन। हर घर की छत पर अगर सोलर लग जाए, तो न सिर्फ बिजली की बचत होगी बल्कि देश की ऊर्जा पर निर्भरता भी कम होगी और एक साफ-सुथरा भविष्य बन सकेगा।
आवेदन कैसे करें?
अब बात आती है आवेदन की। तो यह प्रक्रिया भी पूरी तरह से सरल और डिजिटल है। आप सीधे सरकार की वेबसाइट www.pmsuryaghar.gov.in पर जाकर खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। वहां पर आपको अपना राज्य, बिजली कंपनी और उपभोक्ता संख्या डालनी होगी, उसके बाद आवेदन पूरा करना होगा। इंस्टॉलेशन के बाद सरकार की ओर से नेट मीटरिंग की प्रक्रिया की जाती है और सब्सिडी सीधे आपके बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
अगर आप इस प्रक्रिया में खुद नहीं पड़ना चाहते, तो आप किसी लोकल भरोसेमंद सोलर डीलर के पास भी जा सकते हैं। वे पूरी प्रक्रिया — रजिस्ट्रेशन से लेकर इंस्टॉलेशन और सब्सिडी क्लेम तक — आपके लिए संभाल लेते हैं। आपसे बस पेमेंट लिया जाता है, बाकी सारी भागदौड़ वही करते हैं।
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लेखक के बारे में
S.K. Gupta पिछले 4 सालों से उत्तर प्रदेश में सोलर इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। वह न सिर्फ ग्राउंड लेवल पर सोलर इंस्टॉलेशन का अनुभव रखते हैं, बल्कि लोगों को सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं ताकि वे सोलर लगवाने या सोलर बिजनेस शुरू करने से पहले पूरी जानकारी ले सकें। उनकी कोशिश रहती है कि हर आम आदमी तक सोलर की सही जानकारी आसान भाषा में पहुँचे।