कम कर्ज़, ज़्यादा भरोसा: ये हैं 3 ग्रीन एनर्जी कंपनियां जो निवेशकों की नजर में हैं।

आज दुनिया ग्रीन ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ रही है। सोलर, विंड और हाइड्रो पावर जैसे स्रोतों को अपनाने से न सिर्फ़ पर्यावरण को लाभ मिलता है, बल्कि निवेशकों को भी मुनाफ़े के नए मौके मिलते हैं। लेकिन इन कंपनियों में निवेश करते समय एक चीज़ को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए — और वो है कंपनी की फाइनेंशियल सेहत। खासकर Low Debt-to-Equity Ratio वाली कंपनियां निवेशकों को लंबे समय में ज़्यादा सुरक्षित और टिकाऊ मानी जाती हैं।
कम कर्ज़ वाली कंपनियों को ब्याज के भुगतान का बोझ नहीं होता, जिससे वे नई तकनीक और विस्तार में बेहतर निवेश कर पाती हैं। इसी वजह से आज हम बात कर रहे हैं ऐसी 3 ग्रीन एनर्जी कंपनियों की जो मजबूत बैलेंस शीट और शानदार प्रदर्शन के दम पर छाई हुई हैं।
1. वारी एनर्जी लिमिटेड (Waaree Energies Limited)
- सेक्टर: सोलर पैनल और EPC सर्विसेस
- मुख्यालय: मुंबई
- मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹81,100 करोड़
- Debt to Equity Ratio (मार्च 2025): 0.13
वारी भारत की सबसे बड़ी सोलर पीवी पैनल बनाने वाली कंपनियों में से एक है। यह कंपनी न सिर्फ सोलर प्रोजेक्ट बनाती है, बल्कि घरेलू और औद्योगिक दोनों सेक्टर्स को सेवाएं देती है।
हालांकि कंपनी का कर्ज़ 2020 के ₹157 करोड़ से बढ़कर 2025 में ₹1,199 करोड़ हो गया है, लेकिन उसी समय इसकी रिज़र्व्स भी ₹101 करोड़ से बढ़कर ₹9,192 करोड़ हो गई हैं, जिससे इसकी बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है।
2. सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy Ltd)
- मुख्यालय: पुणे
- सेक्टर: विंड एनर्जी
- मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹88,662 करोड़
- Debt to Equity Ratio (मार्च 2025): 0.05
सुजलॉन भारत की प्रमुख रिन्युएबल एनर्जी कंपनियों में से एक है, जो खासतौर पर पवन ऊर्जा (Wind Energy) पर ध्यान देती है। यह कंपनी टर्बाइन डिज़ाइन से लेकर इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस तक की पूरी सेवा देती है।
कंपनी ने अपने कर्ज़ को पिछले 5 सालों में जबरदस्त तरीके से घटाया है – ₹13,210 करोड़ से घटाकर ₹323 करोड़ तक। ये इसकी फाइनेंशियल स्थिति को मजबूत बनाता है।
3. इनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज (Inox Green Energy Services)
- सेक्टर: पवन ऊर्जा सेवा और मेंटेनेंस
- मार्केट कैपिटलाइजेशन: ₹6,005 करोड़
- Debt to Equity Ratio (मार्च 2025): 0.09
यह कंपनी Inox Wind की सब्सिडियरी है जो विंड प्रोजेक्ट्स की मेंटेनेंस और ऑपरेशन का काम करती है। पूरे भारत में इसकी मौजूदगी है और यह लंबे समय के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करती है।
मार्च 2020 में जहां कंपनी का कर्ज़ ₹1,085 करोड़ था, वो अब घटकर ₹181 करोड़ रह गया है। यह एक संकेत है कि कंपनी अब ज्यादा मजबूत स्थिति में है।
निष्कर्ष:
अगर आप ग्रीन एनर्जी सेक्टर में निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो इन कंपनियों पर ज़रूर ध्यान दें जो न सिर्फ़ पर्यावरण के लिए बेहतर हैं बल्कि फाइनेंशियली भी मजबूत हैं। ये कंपनियां ना केवल ग्रोथ की क्षमता रखती हैं, बल्कि कर्ज़ का बोझ भी न के बराबर है।
नोट: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। निवेश से पहले किसी प्रमाणित फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।