बिहार में सोलर से चलेगी खेतों की सिंचाई! सरकार ने किया बड़ा फैसला – जानिए क्या है योजना?

क्या आप सोच रहे हैं कि खेती के लिए हर बार बिजली कटौती क्यों होती है? या फिर बिजली का बिल इतना क्यों आता है?
तो अब आपके लिए राहत की खबर है!
बिहार सरकार ने सोलर पावर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिलेगी। यह फैसला कुसुम योजना (KUSUM Component-C) के तहत लिया गया है।
क्या फैसला हुआ है?
बिहार बिजली आयोग (BERC) ने 238 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए बिजली की कीमत तय कर दी है। ये कीमतें ₹2.77 से ₹3.48 प्रति यूनिट तक होंगी। ये रेट 25 साल के लिए फिक्स होंगी।
सोलर बिजली से कैसे मिलेगा किसानों को फायदा?
अब समझिए इस फैसले का सीधा फायदा किसानों को कैसे मिलेगा:
- कम कीमत में बिजली: खेती के लिए अब महंगी बिजली की जगह सस्ती सोलर बिजली मिलेगी।
- बिजली कटौती नहीं: दिनभर सूरज से मिलने वाली बिजली खेतों को बिना रुके सींचेगी।
- लंबे समय तक फायदा: 25 साल तक ये सस्ती दरें तय कर दी गई हैं, जिससे हर साल बचत होती रहेगी।
किन लोगों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
- किसान – जिनके पास बिजली से चलने वाले सिंचाई पंप हैं।
- बिजली कंपनियां (DISCOMs) – जो अब सस्ती बिजली खरीद पाएंगी।
- सरकार – जो अब ज़्यादा ग्रीन एनर्जी इस्तेमाल कर पाएगी।
आसान भाषा में समझिए पूरी बात:
जानकारी | क्या हुआ है |
टैरिफ कितना तय हुआ? | ₹2.77 – ₹3.48 प्रति यूनिट |
कितने सोलर प्रोजेक्ट्स? | कुल 238 मेगावाट |
योजना का नाम | कुसुम योजना – Component C |
टैरिफ का समय | 25 साल तक फिक्स |
मुख्य लाभ | किसान और बिजली कंपनियां |
क्यों है ये कदम खास?
- खेती में लागत कम होगी।
- ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती से छुटकारा मिलेगा।
- किसान अब खुद की खेती में सोलर बिजली से सिंचाई कर सकेंगे।
अगर आप किसान हैं या खेती से जुड़े हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत बड़ी राहत है। अब सोलर से खेत सींचिए, और बिजली के खर्चे से छुटकारा पाइए।
सरकार का ये फैसला आने वाले समय में गांव और खेती की तस्वीर बदल सकता है।
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