अब किरायेदार भी ले सकेंगे ₹78,000 तक की सोलर सब्सिडी – सरकार ने खोल दिया रास्ता!

Updated on: July 18, 2025 | By S.K. Gupta
Solar Subsidy

भारत में बढ़ते बिजली बिल और घटते संसाधनों के बीच अगर कोई विकल्प उम्मीद की तरह सामने आया है, तो वह है सोलर एनर्जी। अब तक अधिकतर लोग यह सोचते रहे कि यह सुविधा सिर्फ उन लोगों के लिए है जो अपने खुद के घर में रहते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत एक बड़ा और अहम बदलाव किया है, जिससे अब किरायेदार भी सोलर सब्सिडी का फायदा उठा सकेंगे। यानी अब सोलर सिर्फ मालिकों की चीज़ नहीं रही, बल्कि हर उस व्यक्ति की पहुंच में है जो समझदारी से बिजली पर बचत करना चाहता है।

ये योजना दरअसल कुछ महीने पहले शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य था भारत के घर-घर तक सोलर एनर्जी पहुंचाना। इसके तहत सरकार 1kW से लेकर 3kW तक के सिस्टम्स पर केंद्र स्तर पर ₹78,000 तक की सब्सिडी देती है, और कई राज्यों में इसके ऊपर भी अतिरिक्त सहायता दी जाती है। जैसे उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में राज्य सरकार भी अलग से ₹30,000 तक की मदद देती है। यानी कुल मिलाकर लगभग ₹1 लाख तक की सब्सिडी मिल सकती है, जिससे सोलर लगवाना आम आदमी के लिए काफी किफायती हो गया है।

अब तक इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिल रहा था जिनके पास खुद का मकान और उनके नाम पर बिजली का कनेक्शन था। इसका सीधा मतलब यह था कि किरायेदार चाहकर भी इससे वंचित रह जाते थे। लेकिन हाल ही में सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए इसे और समावेशी बना दिया है। अब यदि किसी किराए के मकान में रहने वाले व्यक्ति के नाम पर बिजली का कनेक्शन है, और अगर उसे मकान मालिक से छत पर सोलर पैनल लगाने की लिखित अनुमति मिल जाती है, तो वह भी इस स्कीम के लिए पूरी तरह पात्र हो सकता है।

यह बदलाव दरअसल एक बहुत बड़ी राहत है उन लाखों लोगों के लिए जो किराए पर रहते हैं लेकिन फिर भी पर्यावरण को लेकर जागरूक हैं और बिजली की बढ़ती लागत से परेशान हैं। अब वे भी अपनी छत पर सोलर सिस्टम लगवा सकते हैं, बस शर्त इतनी सी है कि मकान मालिक की सहमति और लिखित अनुमति हो। इतना ही नहीं, एक स्पेशल एग्रीमेंट भी होगा जिसमें यह दर्ज किया जाएगा कि अगर किरायेदार भविष्य में मकान बदलते हैं, तो वे अपने सोलर सिस्टम को वहां से हटाकर अपने नए मकान पर ले जा सकते हैं। यानी सोलर अब आपकी अपनी निजी चीज़ की तरह काम करेगा, न कि मकान का हिस्सा बनकर रह जाएगा।

अब बात आती है तकनीकी ज़रूरतों की। एक सामान्य 1kW सोलर सिस्टम को लगाने के लिए लगभग 70 से 100 वर्ग फीट की छत की ज़रूरत होती है, और जैसे-जैसे सिस्टम की क्षमता बढ़ती है, जगह की मांग भी बढ़ती जाती है। छत की मजबूती भी अहम होती है क्योंकि पैनल का वजन आमतौर पर 20 से 30 किलो प्रति वर्ग मीटर तक हो सकता है। इसलिए इंस्टॉलेशन से पहले छत की मजबूती और संरचना का पूरा परीक्षण किया जाता है। सरकार द्वारा अधिकृत डीलर इस प्रक्रिया को बहुत आसान बना देते हैं।

योजना का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति की बचत तक सीमित नहीं है। जब लोग सोलर पैनल लगाते हैं, तो वे कोयले या अन्य पारंपरिक बिजली स्रोतों की मांग को कम करते हैं। इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ता है — कार्बन उत्सर्जन कम होता है और हवा-पानी की गुणवत्ता बेहतर होती है। एक व्यक्ति की पहल समाज और देश दोनों को दिशा देती है।

अगर आप सोच रहे हैं कि इस योजना के लिए आवेदन कैसे करें, तो पूरी प्रक्रिया काफी सीधी है। आपको बस PM Surya Ghar Yojana की वेबसाइट www.pmsuryaghar.gov.in पर जाना है, अपने बिजली उपभोक्ता नंबर से रजिस्ट्रेशन करना है, और फिर लॉगिन करके अपनी छत की उपलब्ध जगह और जरूरत के मुताबिक सोलर सिस्टम का चयन करना है। इसके बाद आप किसी अधिकृत वेंडर को चुन सकते हैं जो इंस्टॉलेशन से लेकर सब्सिडी क्लेम तक का सारा काम आपके लिए कर देगा।


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लेखक के बारे में

S.K. Gupta पिछले 4 सालों से उत्तर प्रदेश में सोलर इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। वह न सिर्फ ग्राउंड लेवल पर सोलर इंस्टॉलेशन का अनुभव रखते हैं, बल्कि लोगों को सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं ताकि वे सोलर लगवाने या सोलर बिजनेस शुरू करने से पहले पूरी जानकारी ले सकें। उनकी कोशिश रहती है कि हर आम आदमी तक सोलर की सही जानकारी आसान भाषा में पहुँचे।

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