सोलर पैनल की वारंटी में क्या-क्या शामिल होता है? हर ग्राहक को जानना जरूरी – Solar Panel Warranty

Solar Panel Warranty: जब कोई ग्राहक अपने घर या दुकान की छत पर सोलर पैनल लगवाता है, तो उसके मन में सबसे बड़ा सवाल यही होता है कि अगर कुछ खराब हो गया तो क्या होगा? क्या कंपनी इसकी ज़िम्मेदारी लेगी? और कितने साल तक? असल में, सोलर पैनल की वारंटी समझना उतना ही जरूरी है जितना उसे खरीदना।
आजकल मार्केट में कई कंपनियां सोलर सिस्टम बेच रही हैं और हर कोई अपने प्रोडक्ट के साथ “25 साल की वारंटी” जैसे बड़े-बड़े दावे करता है। लेकिन जब आप बारीकी से समझते हैं, तो पता चलता है कि ये वारंटी सिर्फ सोलर पैनल पर ही लागू होती है, और वो भी खास तरह की। यही वजह है कि अगर आप सोलर लगवा रहे हैं, तो आपको यह अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि सोलर सिस्टम की वारंटी में असल में क्या-क्या शामिल होता है, और किस पर नहीं होती।
सोलर पैनल की वारंटी को समझिए दो भागों में
असल में, जो “25 साल की वारंटी” सुनाई जाती है, वो दरअसल “परफॉर्मेंस वारंटी” होती है। यानी कंपनी ये दावा करती है कि उसका पैनल 25 साल तक बिजली बनाता रहेगा, लेकिन इसके साथ ही एक और चीज़ होती है — “प्रोडक्ट वारंटी”, जो बहुत कम लोग समझते हैं।
प्रोडक्ट वारंटी का मतलब होता है कि अगर पैनल में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट या खराबी निकली, जैसे कांच टूट जाना, फ्रेम में दरार आ जाना, वायरिंग में दिक्कत, या वॉटर लीकेज — तो कंपनी उसे फ्री में बदल देगी या ठीक करवाएगी। ये वारंटी आमतौर पर 5 से 10 साल तक होती है, और अलग-अलग कंपनियों में अलग होती है।
परफॉर्मेंस वारंटी, जैसा कि ऊपर बताया गया कि 25 साल तक पैनल बिजली तो बनाएगा ही, लेकिन उसकी क्षमता धीरे-धीरे घटेगी। कंपनियां यह गारंटी देती हैं कि 25वें साल तक पैनल कम से कम 80% तक बिजली देने की क्षमता में रहेगा। यानी अगर शुरू में वो 100 यूनिट देता था, तो 25 साल बाद भी वो 80 यूनिट तक तो देगा ही।
वारंटी सिर्फ पैनल पर ही नहीं होती
कई ग्राहक सोचते हैं कि पूरे सोलर सिस्टम पर 25 साल की वारंटी है, लेकिन ऐसा नहीं होता। सोलर सिस्टम में पैनल के अलावा इन्वर्टर, बैटरी, वायर, स्ट्रक्चर, चार्ज कंट्रोलर जैसे कई हिस्से होते हैं, और हर चीज़ की वारंटी अलग-अलग होती है।
जैसे कि इन्वर्टर की वारंटी आमतौर पर 5 साल की होती है। कुछ ब्रांड एक्सटेंडेड वारंटी के ऑप्शन भी देते हैं, लेकिन उसके लिए एक्स्ट्रा पैसे देने होते हैं। वहीं बैटरियों की बात करें, तो LFP बैटरी में 5 से 8 साल तक की वारंटी मिलती है, जबकि साधारण लेड एसिड बैटरी की वारंटी 3 साल के आसपास होती है।
वायरिंग, स्ट्रक्चर और अन्य छोटे-मोटे एक्सेसरीज़ की कोई लंबी वारंटी नहीं मिलती, लेकिन कई कंपनियां इन्हें इंस्टॉलेशन वारंटी के तहत 1 साल तक फ्री रिप्लेसमेंट के दायरे में रखती हैं।
वारंटी क्लेम करने की हकीकत
कागज़ पर लिखा होना और हकीकत में क्लेम मिलना — दोनों अलग बातें होती हैं। अगर आपने लोकल या बिना रजिस्टर्ड डीलर से सोलर लगवाया है, तो वारंटी का कोई मतलब नहीं रह जाता। क्योंकि जब आप क्लेम करने जाएंगे तो या तो कंपनी जवाब नहीं देगी या फिर लोकल डीलर फोन उठाना बंद कर देगा।
इसलिए सोलर सिस्टम लगवाते समय हमेशा ISO Certified, MNRE-approved ब्रांड से ही इंस्टॉलेशन कराएं और proper invoice, serial number, और warranty card लें। वरना बाद में सिर्फ पछताना ही हाथ आएगा।
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लेखक के बारे में
S.K. Gupta पिछले 4 सालों से उत्तर प्रदेश में सोलर इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। वह न सिर्फ ग्राउंड लेवल पर सोलर इंस्टॉलेशन का अनुभव रखते हैं, बल्कि लोगों को सही सलाह देने में विश्वास रखते हैं ताकि वे सोलर लगवाने या सोलर बिजनेस शुरू करने से पहले पूरी जानकारी ले सकें। उनकी कोशिश रहती है कि हर आम आदमी तक सोलर की सही जानकारी आसान भाषा में पहुँचे।